मेरे कुछ नए दोस्तों का ये शिकवा रहता है कि, हम बहुत कम बोलते है| वो सोचते है शरमाता बहुत है कुन्दन या बात करने नहीं आती होगी!! लेकिन मै उन्हें ये बताना चाहता हूँ कि, शांत रहना हमेशा बेहतर होता है ज्यादा बोलने वालो से!! ईश्वर ने हमे दो कान तो दिए है पर जीभ एक ही दी हैं जो इस बात का संकेत करता है कि हम सुने अधिक और बोले कम| वैसे कम बोलना मेरी आदत है और यह आदत मैंने विकसित की है कभी एक समय था जब मै बहुत बोला करता था जिस पर मैंने सप्रयास नियंत्रण पा लिया है क्यूंकि, मैं जनता हूँ की कम बोलने के लाख लाभ होते है और मै हमेशा प्रयास करता हूँ की कम बोलू लेकिन सार्थक बोलू और निति में कहाँ भी गया है मौन रहना विद्वानों का आभूषण होता है; और कम बोलना मेरे व्यक्तित्व को शोभा भी देती है...:)
बुधवार, 25 जुलाई 2012
मंगलवार, 3 जुलाई 2012
बारिश तुम चली आओ
सावन के महीने है आ गये कि तुम चली आओ अरमान है प्यासे धरती के तुम चली आओ सवारने लोगो की जिन्दगी को तुम चली आओ छाई है निराशा सब पे कि तुम चली आओ उदास है जग वाले कि तुम चली आओ छम छम मोर नाचेंगे कि तुम चली आओ कोयल गुनगुनायेगी कि तुम चली आओ पपीहा प्यास बुझाएगा कि तुम चली आओ सराबोर होंगे किसान कि तुम चली आओ लहलहाएंगे अपने खेत कि तुम चली आओ बड़ी शिद्दत से है तुम्हारा इंतज़ार कि तुम चली आओ इस जीवन का अस्तित्व के लिए तुम चली आओ बारिश, तुम चली आओ !! |