बुधवार, 16 जनवरी 2013

सुबह होती है शाम होती है


सुबह होती है शाम होती है 

उम्र यूँ हि तमाम होती है 

अपनी पहचान बनाने की खातिर  

मंजिल की तलाश हर बार होती है 

कुछ ख्वाब सच होते है कुछ बिखरते है

जो सच होते है वो हकीकत बन जाते है 

जो सच नहीं होते वो यादों में सिमट जाते है 

कभी बीते हुए हसीं दिन याद आते है

तो कभी आने वाले सुखद पल की बात होती है 

शायद इन्ही उम्मीदों पे जिन्दगी टिकी होती है

सुबह होती है शाम होती है उम्र यूँ हि तमाम होती हैं