सुबह होती है शाम होती है
उम्र यूँ हि तमाम होती है
अपनी पहचान बनाने की खातिर
मंजिल की तलाश हर बार होती है
कुछ ख्वाब सच होते है कुछ बिखरते है
जो सच होते है वो हकीकत बन जाते है
जो सच नहीं होते वो यादों में सिमट जाते है
कभी बीते हुए हसीं दिन याद आते है
तो कभी आने वाले सुखद पल की बात होती है
शायद इन्ही उम्मीदों पे जिन्दगी टिकी होती है
सुबह होती है शाम होती है उम्र यूँ हि तमाम होती हैं ।।
1 comments:
bahut acha bat ba ji
itna sunder bat apna mitti la koi jawan likh shakat ba dusara koi ka jani
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